Duriya Badhiya Hindi song | Hindi shayari| duriya Hindi shayari
दूरियाँ बढ़ी तो दिल से भी दूर जाने लगे, अब तो वो हाल-ए-दिल बताने में भी कतराने लगे । मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो, फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं। इतनी दूरियाँ ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो, कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए। कौन कहता है कि दूरियाँ, मिलों में नापी जाती हैं, कभी खुद से मिलने में भी उम्र गुज़र जाती है। . कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियाँ दो कदम जाकर सौ कदम लौट आती हूँ। . कभी कभी मिटते नही, चंद लम्हों के फांसले, एहसास अगर जिन्दा हो, मिट जाती हैं दूरियाँ। दूरियाँ जब भी बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी, फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही। तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर, मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा। मन की दूरियां कुछ बढ़ सी गयी हैं लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है। तेरा मेरा दिल का रिश्ता भी अजीब है, मीलों की दूरियां है और धड़कन करीब है। खुद के लिए इक सजा मुकर्र कर ली मैंने, तेरी खुशियों की खातिर तुझसे दूरियां चुन ली मैंने। . मोहब्बत में फासले भी जरूरी है साहब, जितनी दूरी उतना ही गहरा रंग चढ़ता है।